Credit Score Rule: सिबिल स्कोर पर आरबीआई के 6 नए नियम, बस भूल कर भी आप यह गलती मत कर देना

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अब तक क्रेडिट स्कोर पर रिजर्व बैंक की तरफ से कुल 6 नियम बनाए जा चुके हैं जिनका सीधा फायदा आपको होता है तो आज हम आपको इन्हीं नियमों के बारे में बताने वाले हैं कि किस प्रकार आप इसका फायदा ले सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर को लेकर रिजर्व बैंक के पास में समय-समय पर अनेक शिकायत आती रहती है इनके चलते कुछ महीने पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर को लेकर 5 नए नियम बनाए थे कुछ दिन पहले ही इस पर केंद्रीय बैंक ने एक और नियम बना दिया अब सिबिल स्कोर अच्छा रहेगा तो आपको लोन आसानी से मिलेगा और इससे अच्छा बनाए रखने के लिए आपको सिर्फ एक गलती से बचाना है वह गलती है कि आप कभी भी पेमेंट भुगतान पर डिफॉल्ट नहीं हो वरना आपका सिविल बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है इसके अलावा वर्तमान में बनाए गए 6 नियमों के बारे में हम आपको समझा रहे हैं।

Credit Score Rule
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हर 15 दिन में अपडेट होगा सिविल- नए नियम के मुताबिक उपग्रह का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा यह नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावित होगा आरबीआई ने कहा है कि बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट अब क्रेडिट स्कोर की जल्द से जल्द अपडेट करें इसके अलावा खुद आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में इसकी घोषणा की है और कहा है कि 15 दिन में क्रेडिट डाटा को अपडेट कर ले।

ग्राहक को भेजनी होगी सिविल चेक करने की सूचना- केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्रह की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजना अनिवार्य रखा गया है यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के माध्यम से भी भेजी जा सकती है दरअसल क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही है जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक नहीं है फैसला किया है।

साल में एक बार ग्राहक को डी फुल क्रेडिट रिपोर्ट- भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहक को मुखिया करना आवश्यक रखा गया है इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा ताकि ग्राहक आसानी से अपने फुल क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर सकें इससे साल में एक बार ग्राहक को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल पाएगी।

रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह बताना जरूरी- भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक को किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है का रखा गया है इससे ग्रह को यह समझने में आसानी होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है रिक्वेस्ट रिजेक्ट किया जाने की वजहों की एक लिस्ट बनाकर उसे क्रेडिट इंस्टिट्यूट को भेजना जरूरी है।

डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी- भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट की रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को यह बताना जरूरी होगा लोन देने वाली संस्थाएं एसएमएस या ईमेल के द्वारा सूचना भेज कर भी जानकारी शेयर कर सकती है इसके अलावा बैंक लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अवसर रखें नोडल अवसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी दिकते समझाने का काम करेंगे।

Credit Score Rule Check

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6 से 30 दिन में हो शिकायत का निपटारा- अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहक की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो उसे फिर हर रोज ₹100 के हिसाब से जुर्माना चुकाना होगा यानी जितनी देर शिकायत का निपटारा किया जाएगा उतना ही जुर्माना अधिक लगेगा लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देना वही बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा।

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